ई-कॉमर्स वेबसाइट कैसे बनाये 2024 - E-Commerce Website Kaise Banaye ?
दोस्तों आज के दौर हमारी जिंदगी ऑनलाइन चीजों के आसपास ज्यादा घूम रही है। अब आप सोच रहे हैं की वो कैसे तो दोस्तो वो ऐसे की बिजली का बिल भरने से लेकर अपने लिए कुछ अच्छा खाने की चीज मगवाने तक हमारा हर काम ऑनलाइन हो रहा है।
यानि की हम अपनी रोजमर्रा की छोटी छोटी कामों के लिए भी ऑनलाइन साइट या फिर यूं कहे की ई कॉमर्स वेबसाइट पर निर्भर है। यही वजह है कि वर्तमान समय में वेबसाइट डिजाइनर और डेवलपर की मार्केट में मांग बहुत तेजी से बढ़ गई है।
खासतौर पर ई कामर्स वेबसाइट क्योंकि आज के समय में हर छोटे बड़े दुकानदार होलसेलर और मैन्यूफैक्चरर्स अपने बिजनेस को ई कॉमर्स वेबसाइट के माध्यम से देश भर में बढ़ाना चाहते हैं। यही वजह है की आज एक से बढ़कर एक ई कॉमर्स प्लेटफार्म मार्केट में उपलब्ध है जो आपको बहुत ही कम दाम में बेहतरीन ई-कॉमर्स वेबसाइट उसके साथ ही और भी कई बेहतरीन फीचर्स उपलब्ध करवाते हैं।
यहां पर हम खासतौर से Fynd Platform का जिक्र करेंगे। क्योंकि एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसकी मदद से आप बड़ी आसानी से और बहुत ही स्टाइलिश ई-कॉमर्स वेबसाइट खुद तैयार कर सकते हैं और इसके लिए आपको कोडिंग सीखना और बहुत ज्यादा इनवेस्टमेंट करने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसीलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको ई-कॉमर्स वेबसाइट कैसे बनाएं इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान करने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं। -
ई-कॉमर्स क्या होता है?
दोस्तों ई कामर्स वेबसाइट कैसे बनाए इसको जानने से पहले अथवा उसे बनाने से पहले हमारा ई कामर्स और उसके बिजनेस मॉडल को जानना बहुत जरूरी है। दोस्तों हम सभी ई-कॉमर्स के बारे में बहुत ही अच्छी तरह से जानते हैं। हम सभी ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भी अच्छी तरह से कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि ई-कॉमर्स का मतलब क्या होता है? अगर नही जानते तो चलिए हम बताते हैं कि ई कॉमर्स का मतलब क्या होता है। -
दोस्तों ई-कॉमर्स दो शब्दों से मिलकर बना है E Commerce का फुल फॉर्म है इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स। जिसमे E का अर्थ है इलेक्ट्रॉनिक जो नेटवर्क को दर्शाता है और Commerce का अर्थ वस्तुओं या सामान से होता है। दोस्तो हम भी कह सकते हैं कि ई-कॉमर्स का मतलब है की इंटरनेट के माध्यम से सामान का खरीदना और बेचना।
वर्तमान समय में हम सभी ई-कॉमर्स के बड़े-बड़े प्लेटफॉर्म्स देखते हैं और हम सभी कहीं ना कहीं उनसे अच्छी तरह से जुड़े हुए भी हैं। आज हर एक छोटी बड़ी चीजों के लिए और लगभग हर समय ही हम उनका इस्तेमाल भी कर रहे हैं। इसका बेहतरीन नमूना आपको लॉकडाउन के समय में देखने को मिला होगा।
लोग बिना अपने घरों से निकले घर बैठे ही ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से सामान मंगवा रहे थे। ई-कॉमर्स के अंतर्गत सिर्फ शॉपिंग ही नहीं बल्कि पेमेंट भी आता है जो हम ऑनलाइन माध्यम से करते हैं।
किचन से लेकर साग,सब्जियां, ग्रॉसरी, दवाईयां यहां तक की सोने और चांदी के गहने तक लोग ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से खरीद रहे हैं। तो हम भी यह कह सकते हैं कि ई कॉमर्स ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से शॉपिंग करना होता है।
ई-कॉमर्स कितने प्रकार का होता है?
दोस्तों ई कामर्स वेबसाइट बनाने से पहले आपका यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि वास्तव में यह ई कॉमर्स कितने प्रकार का होता है। क्योंकि तभी आप अपने ई कॉमर्स बिज़नेस हेतु सही वेबसाइट बनवा पाएंगे।
1- B टू B बिजनेस -
दोस्तों इस कड़ी में हम सबसे पहले बात करेंगे B2B बिजनेस मॉडल के बारे में। दोस्तों B2B बिजनेस मॉडल में मैन्युफैक्चर थोक विक्रेता और रिसेलर तीनों एक ही व्यवसाय से जुड़े होते हैं। हम यह कह सकते हैं कि एक व्यवसायिक संगठन अपने सामान को दूसरे व्यवसायिक संगठन को बेच रहा है।
कोई भी मैन्युफैक्चर अपने सामान का उत्पादन करता है और अपनी खुद की ऑनलाइन वेबसाइट पर थोक व्यवसाई को बेचता है। थोक व्यवसाई वहां से उस सामान को थोक में खरीदता है और वह सामान ऑनलाइन ही अपने रीसेलर को बेचता है।
इसके बाद वही रिसेलर अपने कस्टमर को वही सामान फुटकर मे बेचता है। यह एक चेन की तरह काम करता है और ऑनलाइन प्रोडक्ट की सेलिंग करता है। इस टाइप की बिजनेस मॉडल को हम B2B बिजनेस मॉडल कहते हैं।
आजकल बहुत सारी ई-कॉमर्स की कंपनियां B2B बिजनेस मॉडल पर काम कर रही है। जिसमें अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मीशो, यह सभी ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से शामिल है। जहां पर B2B बिजनेस मॉडल बहुत ही अच्छी तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है और काफी लंबे समय से इस पर काम किया जा रहा है।
बहुत सारी कस्टमर भी जुड़े हैं और उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत भी नहीं होती है। आराम से सामान खरीदते हैं और नहीं पसंद आने पर कंपनियां आसानी से उसका रिफंड भी करती हैं। पूरी संतुष्टि के साथ B2B बिजनेस मॉडल चलाया जा रहा है।
2 - B2C बिजनेस मॉडल -
दोस्तों अब हम बात करते है हमारे ई कॉमर्स बिजनेस के दूसरे मॉडल B2C बिजनेस मॉडल के बारे में। B2C बिजनेस मॉडल यानी की बिजनेस टू कंज्यूमर्स इस बिजनेस मॉडल में उत्पाद को सीधे कंज्यूमर से ही सेल किया जाता है।
इस प्रकार के बिजनेस में कस्टमर अपने सामान को ऑनलाइन देख सकतें है और कंपनी को सीधे ही ऑर्डर दे सकते है। जब कंपनी सामान के आर्डर को देखती है तो वह सामान को सीधे कस्टमर को डिलीवर कर आती है। मंत्रा और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनी मे कस्टमर ऑर्डर ऑनलाइन देते हैं और प्रोडक्ट कंपनी से सीधे कस्टमर के पास जाता है। इसका उदाहरण हम रोजमर्रा की जिंदगी में हमेशा देखते हैं।
3 - C2B बिजनेस मॉडल -
दोस्तों अब हम बात करेंगे अपने तीसरे मॉडल C2B बिजनेस मॉडल के बारे में। जिसे कंज्यूमर टू बिजनेस मॉडल कहा जाता है। दोस्तों यह एक ऐसा ई-कॉमर्स बिजनेस मॉडल है जिसमें कंज्यूमर जिस तरह का बिजनेस करता है वह सिर्फ कंपनी को सेल करता है।
इसमें हम यह कह सकते हैं कि यह बिजनेस मॉडल B2B बिजनेस मॉडल के बिल्कुल विपरीत है। इसमें जो कोई भी उत्पादन करता वह सीधे कस्टमर से संपर्क ना करके बड़े-बड़े कंपनियों से संपर्क करता है और अपने प्रोडक्ट को बल्क में बेचता है।
इसमें यदि बड़ी-बड़ी कंपनियों को आपके उत्पात पसंद आते हैं तो वह डायरेक्ट आपसे कांटेक्ट करके आपसे खरीद लेता है। इस टाइप के बिजनेस मॉडल में अधिकतर करके ग्राफिक डिजाइन के प्रोडक्ट्स फैशन डिजाइनिंग के बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर और किताबें आदि बेचीं जाती है।
4 - C2C बिजनेस मॉडल -
अब हम बढ़ते हैं ई कॉमर्स के चौथे बिजनेस मॉडल C2C बिजनेस मॉडल यानि की कंज्यूमर टू कंज्यूमर बिजनेस मॉडल। जैसा की आप समझ ही गए होंगे की इस प्रकार के बिजनेस मॉडल में कंज्यूमर से कंज्यूमर बिजनेस किया जाता है।
इस प्रकार के बिजनेस मॉडल में एक कंज्यूमर अपने प्रोडक्ट को ऑनलाइन ही दूसरे कंज्यूमर को सेल करता है। आपके पास अपना कोई भी उत्पाद है जैसे लैपटॉप, कार, सेल फोन इस प्रकार के गैजेट को आप ऑनलाइन दूसरे कंजूमर को आराम से सेल कर सकते हैं।
इसे हम C2C बिजनेस मॉडल कहते हैं। OLX इसका एक सबसे बेहतरीन उदाहरण है। हालांकि इसके अलावा और भी साइट इस तरह से काम करती है। इसमें कंज्यूमर सीधे कांटेक्ट करके अपने सामान को बेचता है बीच में किसी प्रकार का कोई बिचौलिया नहीं होता।
5 - B2A बिजनेस मॉडल -
दोस्तों अब बारी है पांचवें बिजनेस मॉडल की जो है B2A बिजनेस मॉडल। जिसे एडमिनिस्ट्रेशन बिजनेस मॉडल या फिर इसे सरकारी बिजनेस मॉडल भी कहा जा सकता है। इसमें बड़ी-बड़ी सरकारी संस्थाएं एक दूसरे से जानकारियों का आदान प्रदान करती है।
इसके अंतर्गत एक से एक सॉफ्टवेयर बनाए जाते हैं बड़ी-बड़ी सुरक्षा सरकारी एजेंसियों को बेचा जाता है। यह बिजनेस सरकारी संस्थाओं के लिए किया जाने वाला बिजनेस है इसके अंतर्गत बहुत सारी नियम व शर्तों का भी पालन किया जाता है।
जो विशेष रूप से सरकार द्वारा बनाए जाते हैं और कई बार ऐसा काम निविदा के रूप में भी किया जाता है। बहुत सारी सूचनाओं का भी आदान-प्रदान ऐसे बिजनेस मॉडल के अंतर्गत किया जाता है। उदाहरण के रूप में लाइसेंस और किसी भी प्रकार का सरकारी दस्तावेज इस सॉफ्टवेयर के अंतर्गत बनता है।
वह सभी विशेष सॉफ्टवेयर होते है जो सरकार की पूरी मदद करते है। हर तरह के सरकारी दस्तावेज इस सॉफ्टवेयर की मदद से यह बनाए जाते हैं। दस्तावेजों से संबंधित समाधान भी इसकी मदद से किया जाता है। इसके अलावा सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।
6 - C2A बिजनेस मॉडल -
दोस्तों अब इस कड़ी में हम अपने छठवें और आखिरी बिजनेस मॉडल C2A बिजनेस मॉडल यानि कि कंज्यूमर टू एडमिनिस्ट्रेशन बिजनेस मॉडल के बारे में बात करेंगे। यह बिजनेस मॉडल कंज्यूमर टू एडमिनिस्ट्रेशन के बीच में काम करता है।
इसमें कंजूमर और एडमिनिस्ट्रेशन आपसी आदान-प्रदान के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इसमें जरूरी चीजों का आदान-प्रदान होता है। इसके अंतर्गत पढ़ाई व शिक्षा से संबंधित चीजों की जानकारी का आदान प्रदान किया जाता है और इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के बारे में भी जानकारी मिलती है।
इनकम टैक्स के बारे में भी पूरी जानकारी इसके अनुसार मिलती है यह सभी काम ऑनलाइन ही किए जाते हैं। इसमें कंज्यूमर डायरेक्ट गवर्नमेंट से जुड़ा होता है और अपनी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त करता है यह सभी काम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ई-कॉमर्स के जरिए होते हैं। इसमें पेमेंट से संबंधित चीजें भी ऐड की गई है और सरकार को किसी प्रकार का भुगतान भी इसमें ऑनलाइन किया जा सकता है।
ई-कॉमर्स के फायदे -
दोस्तों आइए जानते हैं ई कॉमर्स से हम किन-किन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। -
1- सुविधा -
ई-कॉमर्स के बहुत सारे फायदे हैं सबसे पहला और बड़ा फायदा यह है कि आपको हर तरह की सुविधा आपके घर बैठे ही उपलब्ध है। आप चाहे कपड़ा हो,चाहे आपके किचन का सामान हो, चाहे आपकी सब्जियां हो और दवाइयां।
आप यह सभी चीजें आपको घर बैठे मात्र एक सर्च के माध्यम से ही मिल जाते हैं। इसके साथ-साथ प्लॉट दुकान मकान ये सभी आप ऑनलाइन ही ढूंढ कर सेट कर सकते हैं। तो यह सुविधा आपको घर बैठे ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के जरिए ही तो मिल रही है।
2 - समय की बचत -
ई-कॉमर्स के जरिए आप के समय की बहुत बचत हो रही है। आपको समय निकालकर मार्केट नहीं जाना पड़ता है और आप अपने सामान को ढूंढने खोजने वह खरीदने के लिए। सामान मिलने पर नहीं पसंद आने पर या किसी प्रकार की समस्या होने पर कस्टमर उसे बहुत ही आसानी से वापस कर सकता है और आपको उस प्रोडक्ट के पूरे पैसे मिल जाते हैं।
कई बार दुकान मकान इन सभी चीजों के लिए काफी लंबा दौड़ना और खोजना पड़ता है। लेकिन ऑनलाइन का जमाना ऐसा है ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म इतना सुलभ है कि आप घर बैठे दुकान मकान के सभी चीजें देख सकते हैं और फाइनल कर सकते हैं। वैसे मैं आपके समय की बहुत बचत होती है आप उस समय में एक साथ दो काम भी कर सकते हैं।
3 - कई सारे विकल्प एक साथ उपलब्ध है -
यहां पर आपके लिए एक साथ कई सारे विकल्प उपलब्ध होते हैं। आप एक ही सामान को कई सारे प्लेटफार्म पर आराम से ढूंढ सकते हैं अलग-अलग प्लेटफार्म पर अलग-अलग दाम और अलग-अलग विशेषताओं के साथ आपको वह सामान दिखाई देगा।
आपको जहां पर उचित लगे आप वहां से उस सामान को खरीद सकते हैं। यह सारी सुविधा आपको ई-कॉमर्स के प्लेटफार्म पर ही मिलती है। कई बार अन्य जगहों पर भटकने की अपेक्षा एक ही जगह से अपने सभी जरूरत की चीजें एक साथ आप खरीद पाते हैं।
4 - सामान की तुलना -
आप अपनी पसंद के सामान की तुलना कई सारे वेबसाइट पर अलग-अलग प्रकार से कर सकते हैं। जहां से आपको उचित लगे आप वहां से उस सामान को खरीद सकते हैं। अलग-अलग विवरण और विशेषताओं के साथ ही सामान आपके ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर आपको आसानी से ऑनलाइन दिखाई देंगे। इसके साथ ही कस्टमर के रिव्यूज भी होते हैं जिसमें आप आसानी से चीजों को पसंद और फाइनलाइज कर पाते हैं।
5 - कस्टमर को प्रायरिटी दी जाती है -
ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर कस्टमर को सबसे अधिक प्रमुखता भी दी जाती हैं और कस्टमर की पसंद का ख्याल भी रखा जाता है। आप जिस तरह की चीजें जिस तरह के दाम में चाहे सर्च करके आराम से देख सकते हैं।
अब चाहे वह कम से कम दाम हो या अधिक से अधिक कस्टमर अपनी पसंद की चीजें को ही खरीदता है। अगर उसे नहीं भी पसंद आती है तो वह उसे आसानी से वापस कर सकता है और इसमें उसके किसी भी प्रकार के पैसे नहीं कटते हैं और पूरे पैसे रिटर्न होते हैं।
6 - स्टोर और प्रोडक्ट लिस्ट -
ई-कॉमर्स प्लेटफार्म में सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपने प्रोडक्ट को खुद से लिस्ट कर सकते हैं। आपको क्या प्रोडक्ट लेना है कहां कहां से लेना है आप एक साथ उसको कार्ट में डाल सकते हैं और इकॉमर्स प्लेटफॉर्म ने भी अपने प्रोडक्ट को इस तरह से लिस्टिंग किया हुआ होता है कि वह आप आसानी से सारी चीजें वहां से देख सकती है नोटिस कर सकते हैं और अपने इस्तेमाल की चीजों की रिव्यूज भी देख सकते हैं।
कैटेगरी के साथ ही इनके लिस्टिंग की जाती है। जिससे कस्टमर को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती। उसके साथ ही प्रोडक्ट की फोटो जो होती है वह बहुत ही अच्छे से सेट की जाती है। कस्टमर ओरिजिनल लिपस्टिक और फोटो की लिपस्टिक अगर मैच करें तो दोनों एक जैसे ही समझ में आती है। प्रोडक्ट की फोटो को भी इतना अच्छे से विजुलाइज किया जाता है।
7 - कम लागत -
इसके साथ ही ई-कॉमर्स स्टोर से जब आप शॉपिंग करते हैं तो आपके कुछ पैसे तो बचते हैं और समय की भी बचत होती है। ऑनलाइन ऑफर्स का भी लाभ आप उठाते हैं और उसके साथ ही मार्केट जाने की झंझट से भी बचते हैं।
मार्केट जाने पर जो आपका पैसा लगता है किराया लगता है वह तो बचता ही है साथ ही डिस्काउंट में कई बार ऑफर की चीजें एक पर एक फ्री भी मिल जाती है। ग्रॉसरी की चीजों में अच्छा खासा डिस्काउंट देखने को मिलता है।
8 - प्रचार प्रसार -
जो भी ई कॉमर्स स्टोर हमेशा अपने प्रचार में आगे होता है। जो भी चीज नई अपडेट होती है उसको बहुत तेजी से अपडेट करता है। उसी जुड़ा हुआ प्रचार भी हमेशा शो करता है। जिसे कस्टमर को घर बैठे ही पता चल जाता है कि इस चीज में डिस्काउंट ऑफर है या इसमें मेगा डिस्काउंट ऑफर है। उदाहरण के तौर पर आप फ्लिपकार्ट अमेजॉन इन सभी का सीजन सेल्स और फेस्टिवल सेल यह सभी चीजों के प्रचार तो आप फोन पर टीवी पर आराम से देख पाते होंगे।
9 - ग्राहकों के लिए लचीलापन -
कस्टमर आराम से कभी भी ऑर्डर देकर अपने सामान को बुक कर सकता है। उसके लिए रात और दिन हर समय यह स्टोर ओपन ही रहता है इसलिए 24 घंटे लचीलापन जैसी सुविधा कस्टमर को महसूस होती है उसे इंतजार नहीं करना पड़ता दुकान के खुलने का अपना स्मार्टफोन उठाया और जब मर्जी किया तभी आर्डर कर दिया।
10 - फास्ट होम डिलीवरी-
होम डिलीवरी की सुविधा भी बहुत अच्छी है चाहे आप खाने का आर्डर करें या कोई भी प्रोडक्ट घर बैठे मंगवाना चाहते हो वह आपके घर तक पहुंचाते हैं। इसके साथ ही रिटर्निंग ऑफिसर अच्छा है अगर आपको कोई चीज नहीं पसंद आती है तो आप घर बैठे इसे वापस भी कर सकते हैं। आराम से डिलीवरी ब्वॉय आपके घर तक आता है और आपसे प्रोडक्ट वापस ले जाता है। उसके कुछ वक्त बाद आपका पेमेंट आपको रिफंड हो जाता है।
11 - सुझाव के लिए तेजी से प्रतिक्रिया -
विभिन्न ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म आपके सुझाव को भी अहमियत देता है। अगर किसी प्रकार के बदलाव या सुझाव की जरूरत आपको लगती है तो आप अपनी बात को ईमेल के जरिए उन्हें भेज सकते हैं। अगर उन्हें लगता है तो वह बहुत सारी चीजों में सुधार भी करते हैं।
12 - फ्लैक्सिबल पेमेंट-
पेमेंट की सुविधा भी काफी अच्छी है अगर आप चाहे कैश ऑन डिलीवरी तो कैश ऑन डिलीवरी भी आप अपना प्रोडक्ट घर बैठे मंगवा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप चाहे तो ऑनलाइन पेमेंट करके भी सामान मंगवा सकते हैं सामान घर आने पर भी प्रोडक्ट स्कैन करके ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं तो हुई ना फ्लैक्सिबल सुविधा।
ई-कॉमर्स के नुकसान -
दोस्तों ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म के बहुत सारे फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी होंगे आइए देखते हैं। -
1- गोपनीयता और सुरक्षा -
किसी भी वेबसाइट से जब आप सामान खरीद रहे हैं या कोई भी ऐसी वित्तीय चीजें खरीद रहे हैं तो वहां पर आपको पूरी जानकारी देनी होती है। लेकिन उसकी गोपनीयता की पूरी जिम्मेदारी कोई भी वेबसाइट नहीं लेता है तो ऐसे में आप वेबसाइट का पूरी तरह से परीक्षण जरूर करें, बिना परीक्षण के अपनी कार्ड अथवा सीवीवी नंबर और ओटीपी आदि चीज को उनसे शेयर ना करें ऐसे में आपको नुकसान भी हो सकता है। किसी भी साइट के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही उस पर अपनी जानकारी शेयर करें।
2 - गुणवत्ता -
दुकान पर जाकर सामान लेने का मुख्य गुणवत्ता को चेक कर सकते हैं। लेकिन जब तक सामान हमारे घर नहीं आ सकता ई-कॉमर्स प्लेटफार्म में हम उसे छोड़ नहीं सकते हम उसे देख नहीं सकते। ऑनलाइन हम सिर्फ उसका चित्र ही देख सकते हैं।
ऐसे मे उसकी क्वालिटी का अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल होता है। कई बार ऐसा होता है किसी भी प्रोडक्ट ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म से हम मंगा रहे हैं वह क्वालिटी वाइज भी बहुत अच्छे होते हैं लेकिन लोग भरोसा नहीं करते हैं तो वह बिक नहीं पाता है।
3 - छुपी हुई कीमत-
बहुत सारे प्रोडक्ट ऐसे होते हैं जो उपभोक्ता और कस्टमर तक पहुंचते-पहुंचते उसकी कीमत काफी कम होती है और कस्टमर को बहुत ज्यादा मिलता है। तो ऐसे में उसकी कीमत का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसा कपड़ों में बहुत ज्यादा होता है।
इसके साथ ही दवाइयों की व्यापार में भी ऑनलाइन कीमत का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है। कपड़े का बिजनेस करने वाले इसलिए बहुत अच्छा बिजनेस कर जाते हैं और बहुत अच्छा कमाते हैं।
जिसमें कपड़े का अंदाजा लगाना और उसकी क्वालिटी और दाम का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल होता है। इन्हीं सब कारण से भी बहुत से कस्टमर ऑनलाइन मार्केट से कोई भी प्रोडक्ट नहीं खरीदते हैं।
4 - शिपमेंट में देरी -
ई कॉमर्स मे अपने प्रोडक्ट को तुरंत प्राप्त नहीं कर पाता कई बार तो प्रोडक्ट पहुंचने में एक एक हफ्ते तक का समय लग जाता है। कस्टमर ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म में लेने से अच्छा है दुकान पर जाकर डायरेक्ट ही सामान खरीद लेता है। शिपमेंट में देरी ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म से लोगों का दूर रहने का एक बहुत बड़ा कारण है।
5 - माल में हेराफेरी -
ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर माल मे हेरा फेरी बहुत ज्यादा होती है। ज्यादातर केस में डिस्प्ले मे दूसरे सामान का मॉडल दिखाते हैं और कस्टमर के पास दूसरा सामान डिलीवर होता है। ऐसे में माल की हेराफेरी बहुत ज्यादा होती है। कस्टमर के पास से माल चला आता है पर कस्टमर के पास तक नहीं पहुंचता। ऐसे में कस्टमर के विश्वास को ठेस पहुंचता है।
6 - पेमेंट का लैप -
ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर पेमेंट का लैप भी बहुत ज्यादा होता है। कई बार रीफंड के मामले में पेमेंट फस जाता है। कस्टमर इसी लिए अपना पैसा नहीं फ़साना चाहता और सामान डायरेक्टली दुकान से ही जाकर खरीद लेते है।
ई-कॉमर्स के घटक -
दोस्तों आपने ई कॉमर्स को तो अच्छे से समझ लिया होगा। आइए अब इसके उन महत्वपूर्ण घटकों के बारे में जानते हैं जहां पर इसका सर्वाधिक प्रयोग होता है।
1- ऑनलाइन शॉपिंग -
ई-कॉमर्स मार्केट में ऑनलाइन शॉपिंग एक बहुत बड़ा और अच्छा उदाहरण है। हम सभी देख रहे हैं कि आजकल ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बहुत सारे लोग कर रहे हैं और ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं।
अपना हर जरूरी सामान ऑनलाइन ही मंगाना पसंद करते हैं यहां तक कि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट स्मार्टफोन और गाड़ी यह सब कुछ ऑनलाइन खरीद रहे हैं और बेच रहे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग में छोटी से छोटी से लेकर बड़ी से बड़ी चीज भी खरीदा और बेचा जा सकता है। और आजकल लोग बड़ी आसानी से खरीद और बेच रही है।
2 - नेट बैंकिंग -
हम सभी जानते हैं कि नेट बैंकिंग को ऑनलाइन बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग भी कहा जाता है। हम सभी जानते हैं कि नेट बैंकिंग सभी बैंकों द्वारा उपलब्ध एक ऐसी सुविधा है जिसमें हम आराम से घर बैठे अपने बैंक का पूरा परीक्षण कर सकते हैं और अपने पैसों का लेनदेन का सारा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अपने एटीएम पासबुक संबंधित सारी जानकारी घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। कोई भी फॉर्म फिल करना है तो इंटरनेट इससे संबंधित कोई भी दस्तावेज जमा करना हो यह सारी चीजें हम घर बैठे नेट बैंकिंग के जरिए कर सकते हैं।
आसान शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि बैंक हमारे द्वार पर है और यह सभी महत्वपूर्ण सुविधा हमे ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म के द्वारा नेट बैंकिंग के द्वारा हमें मिली है। इस सुविधा का लाभ गांव हो या फिर शहर हर व्यक्ति उठा रहा है और यहां किसी के लिए किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं है।
3 - इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट -
हम सभी ने आज कल ऑनलाइन पेमेंट का नाम तो सुना होगा बहुत सारे ऐसे प्लेटफॉर्म है जहां पर ऑनलाइन पेमेंट करके ही हम सामान खरीद सकते हैं। इसे हम ई-पेमेंट भी कहते हैं और यह पेमेंट होम क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड एटीएम के माध्यम से भी कर सकते हैं और ऑनलाइन, गूगल पे, पेटीएम और फोन पे पर जैसे ऐप के द्वारा भी करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट करने के अलग अलग तरीके होते हैं और हम ऑनलाइन माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट करते हैं। जो की ई कॉमर्स की सबसे बड़ी सुविधा है।
4 - ऑनलाइन टिकट -
ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए बड़े-बड़े शो का टिकट भी बुक करते हैं। स्टेडियम, क्रिकेट और मूवी, बड़ी-बड़ी फिल्मे इन सभी का टिकट हम ऑनलाइन ही बुक करने लगे हैं। इसके अलावा अगर हम अपने दोस्तों और परिवार के साथ कहीं किसी होटल में भी जाते हैं।
तो हमें बुकिंग करनी होती है किसी गाड़ी की बुकिंग करनी होती है यह सब हम ऑनलाइन पेमेंट के जरिए कर सकते हैं। यह सारी सुविधाएं हमें ई-कॉमर्स पर फोन के जरिए ही मिलती है। इसके अलावा ट्रेन और प्लेन का टिकट भी ऑनलाइन बुक होने लगा है हम घर बैठे पेमेंट करके इसका टिकट बुक कर सकते हैं।
ट्रेन और प्लेन का टिकट सबसे ज्यादा लोग बुक करते हैं इसके अलावा पिक्चर और स्पोर्ट्स के शौकीन लोग क्रिकेट और हॉकी की टिकट भी पहले से ही बुक करते हैं।
5 - ग्राहक अनुबंध -
वेबसाइट को और अधिक डिजाइन करना या कोई भी वेबसाइट जिसका इस्तेमाल हम कर रहे हैं। चाहे वह ऑनलाइन शॉपिंग के लिए हो ऑनलाइन बुकिंग के लिए हो या किसी भी चीज के लिए है।
वेबसाइट का डिजाइन बहुत अच्छा होना चाहिए जिससे कस्टमर पर प्रभाव अच्छा पड़े वह एक बार देख कर के ही सामान लेने का मन बना ले। कहते हैं ना जो दिखता है वही बिकता है। तो इसलिए पेज का डिज़ाइन मायने रखता है।
6- क़ीमत का मानकीकरण -
कीमत का मानकीकरण ही बहुत मायने रखता है। क्योंकि कोई भी ग्राहक किसी भी प्रोडक्ट की प्राइस को अन्य वेबसाइट पर जरूर तुलना करता है। तो इसलिए वेबसाइट में जो भी प्राइज हो वह उचित होना चाहिए ताकि बहुत ज्यादा हो नाही बहुत कम हो।
7- सोशल मीडिया की शक्ति का उपयोग -
इस बात से तो आप सब भी सहमत होंगे की ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म बहुत अच्छा सुविधा देता है। ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म में शक्तियों का उपयोग करने का 4.4 बिलियन लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं और अभी तो यह संख्या और भी ज्यादा हो गई है।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल आजकल सभी कर रहे अपने मनोरंजन के लिए अपनी सुविधा के लिए अपने शॉपिंग के लिए। तो आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अपने प्रोडक्ट को कस्टमर को बेच सकते हैं।
8 - ई- कॉमर्स सॉफ्टवेयर -
सभी सुविधाओं के बाद ई कॉमर्स से संबंधित सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध होता है। बहुत सारी बड़ी-बड़ी कंपनियां एक कॉमर्स संबंधी सॉफ्टवेयर बनाती है और उसे ऑनलाइन बेचती है।
9 - आसान चेकआउट की प्रक्रिया -
दोस्तो कस्टमर की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए चेकआउट भी बहुत आसान रखा गया है। ताकि किसी कस्टमर को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
10 - स्पष्ट वापसी नीति -
इसके वापसी की प्रक्रिया बहुत अच्छी है और प्रोडक्ट को पसंद ना आने पर कस्टमर आसानी से उस प्रोडक्ट को वापस करके अपना रिफंड प्राप्त कर सकता है। या उस सामान के बदले कोई दूसरा सामान प्राप्त कर सकता है।
11- डिजाइन और नेविगेशन -
कस्टमर हमेशा डिजाइंस की मांग करता है। कोई भी प्रोडक्ट में हमेशा कलर और डिजाइन देख कर के ही सामान को पसंद करता है। तो ऑनलाइन नेविगेशन का सिस्टम इतना अच्छा है कि आराम से सारे प्रोडक्ट का डिस्प्ले हो जाता है।
एक बार में बहुत सारे प्रोडक्ट देख पाता है और जो प्रोडक्ट पसंद आता है। उसके कलर डिजाइन देख पाता है और यह सारी सुविधाएं ईकॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से कस्टमर को उपलब्ध होती है।
ई-कॉमर्स वेबसाइट क्या है ?
दोस्तों जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया था कि दोस्तों ई कामर्स वेबसाइट को जानने से पहले अथवा उसे बनाने से पहले हमारा ई कामर्स और उसके बिजनेस मॉडल को जानना बहुत जरूरी है। उम्मीद है अब तक आपको ई कॉमर्स से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां समझ आ गई होगी।
तो चलिए अब हम आपको बताते हैं ई कामर्स वेबसाइट के बारे में। दोस्तो आज की दुनिया में हम सभी ईकॉमर्स वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ कर सामान मंगा रहे हैं यही वेबसाइट ई-कॉमर्स वेबसाइट कहलाती है।
एक अंदाजा है कि लगभग 206 करोड लोग ईकॉमर्स वेबसाइट से ऑनलाइन सामान खरीद रहे हैं। आपके स्मार्टफोन में बहुत सारे ईकॉमर्स वेबसाइट के ऐप मौजूद होंगे जिसके जरिए आप भी शॉपिंग कर रहे होंगे। इन सभी के नाम अलग-अलग हैं जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजॉन, इंडिया मार्ट, मीशो इत्यादि।
यह एक ऐसा जरिया है जिसके जरिए लोग घर में बैठे आराम से सामान को घर तक मंगा रहे हैं। दोस्तों ई-कॉमर्स वेबसाइट का मतलब है कि ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से सामान को घर बैठे मंगाना का एक आसान माध्यम।
जिन ई-कॉमर्स प्लेटफार्म का नाम बताया गया है जरूरी नहीं है कि सिर्फ वही ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म है। ऑनलाइन माध्यम से चाहे किसी भी रूप में ऑनलाइन इंटरनेट का प्रयोग करके हम सामान को मंगा रहे हैं तो वह ई-कॉमर्स के अंतर्गत ही आता है।
उसका तरीका अलग-अलग भी हो सकता है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी एक कॉमर्स की तरह इंटरनेट के माध्यम से सामान मंगाया जा सकता है। जिसे आजकल लोग फेसबुक पर भी अपना सेलिंग पेज बनाकर सामान को सेल करते हैं और वह माध्यम भी ई-कॉमर्स के अंतर्गत ही आता है।
आसान शब्दों में कहें तो हम इन्टरनेट के माध्यम से जो भी खरीददारी करते हैं और जिस भी जगह से करते हैं। वह सभी ई कामर्स वेबसाइट अथवा बिजनेस के अंतर्गत आता है।
ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाने हेतु तैयारियां -
दोस्तों जाहिर है अगर आप हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो आप कहीं न कहीं एक वेबसाइट बनाने के बारे में सोच रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि ई कॉमर्स वेबसाइट बनाने से पहले हमें किस तरह कि तैयारियों और चीजों की जरूरत है।
1 - पैसा -
दोस्तो व्यापार चाहे कोई भी हो जब हम उसे शुरू करते हैं तो उससे पहले हमारे पास पैसे की व्यवस्था सबसे पहले होनी चाहिए। क्योंकि बिना वित्तीय व्यवस्था के आप किसी भी तरह के कोई बिजनेस को नहीं शुरू कर सकते हैं और न ही उन्हें सुचारू रूप से चला सकते हैं।
उसी प्रकार से जब हम ई-कॉमर्स से संबंधित व्यापार शुरू करते हैं तो हमारे पास अच्छी पूंजी की आवश्यकता पड़ती है। ईकॉमर्स बिजनेस शुरू करने के लिए ऑनलाइन वेबसाइट बनाने के लिए आपको पैसे की आवश्यकता पड़ती है।
इसके अंतर्गत जो प्रोडक्ट होंगे वह भी पैसे लगाकर ही खरीदें जाते हैं और जब आपके पास अच्छी बजट का इंतजाम हो जाए तब आप ई-कॉमर्स वेबसाइट के बारे में सोच सकते हैं और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़कर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
2 - योजना बनाना -
दोस्तो कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले हमें उसकी हम पूरी प्लानिंग करना जरूरी होता हैं। हम अच्छे से पेपर वर्क और प्लानिंग करते हैं कि हमें किस तरह से अपना बिजनेस शुरू करना है और उसे हम स्टेप बाय स्टेप लिखते हैं।
ठीक उसी प्रकार से ई-कॉमर्स संबंधित व्यवसाय को शुरू करने के लिए भी हमें पूरी प्लानिंग या योजना बनाने की जरूरत पड़ती है। जब बिजनेस का लेखा-जोखा हिसाब होगा तो आगे आपको किस तरह से बढ़ना है कितना बजट बनाना है और कहां पर कितने पैसे व्यय करने हैं।
वह सब निर्धारित होगा उसके लिए आपको बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और समय पर आपका काम ही होता जाएगा। हिसाब का जमाना तो काफी पुराना है बहुत पहले से जब भी लोग बिजनेस के लिए या किसी भी चीज के लिए कोई व्यय करते हैं तो उसका लेखा-जोखा हिसाब जरूर रखते हैं। ठीक उसी प्रकार ऑनलाइन बिजनेस या ईकॉमर्स बिजनेस में योजना बनाने की जरूरत पड़ती है।
3 - Domain का नाम -
दोस्तो कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाने के लिए आपको एक डोमेन के नाम की जरूरत पड़ेगी। डोमेन नाम में वेबसाइट का पता होता है जैसे www.flipkart.com यह एड्रेस दुनिया के किसी भी कोने से सर्च किया जाएगा तो फ्लिपकार्ट का ही पेज खुलेगा।
ठीक उसी प्रकार से डोमेन का नाम डिसाइड करना बहुत जरूरी है और डोमेन का नाम खरीदने के लिए उसके लिए आपको पैसे खर्च करने पड़ेंगे। आखरी में जो. Com .net होता है वही डोमेन की पहचान होता है। इसके लिए भी पहले से प्री प्लानिंग जरूर करें कि आपको डोमेन का नाम क्या रखना है क्योंकि जिस नाम से आप रखना चाहेंगे वही नाम हमेशा के लिए निर्धारित हो जाता है।
4 - वेब होस्टिंग -
वेब होस्टिंग एक ऐसी सर्विस है जिसके जरिए लोग इंटरनेट पर आपके पेज को देख पाते हैं। आपकी जरूरी डेटा और फाइल्स को इंटरनेट में एक स्टोरेज में स्टोर करके रखती है इस तरीके से हम यह कह सकते हैं कि वेब होस्टिंग इंटरनेट पर हमें जगह दिलाने और हमारे ई कॉमर्स वेबसाइट को चलाने का काम करती है।
जब भी कोई इंटरनेट का इस्तेमाल करता है और अपना डोमेन नाम डाल करके सर्च करता है तो उस डोमेन नाम से संबंधित वेब होस्टिंग सारे फाइल स्वर डाटा को उसके ब्राउज़र पर भेज देता है या एसएस करता है। ताकि डोमेन नेम डालकर सर्च करने वाला व्यक्ति आसानी से सारे डाटा और फाइल्स को देख सकें।
5 - वेबसाइट -
ई-कॉमर्स प्लेटफार्म को बनाने के लिए वेबसाइट सबसे ज्यादा जरूरी चीज है। सबसे पहले हमें वेबसाइट बनानी होगी। जिसके लिए हमें जिन जिन चीजों की आवश्यकता पड़ती है वह निम्नलिखित है वेब होस्टिंग, डोमेन नेम, जब इन दोनों को हम खरीद लेते हैं तो वेबसाइट बनाने की बारी उसके बाद आती है।
इसके साथ ही वेबसाइट बनाने के बारे में थोड़ी जानकारी भी प्राप्त करना बहुत जरूरी है। जब जानकारी होगी तो वेबसाइट में किसी भी प्रकार की समस्या आएगी तो हम उसे ठीक भी कर पाएंगे और उसे समझ पाएंगे।
अगर आपको वेबसाइट बनाने का ज्ञान है और आप इसके बारे में जानते हैं तो आप अपनी वेबसाइट खुद भी बना सकते हैं और नहीं तो अगर आपको इस विषय में कोई जानकारी नहीं रखते हैं तो आप किसी वेबसाइट डेवलपर की हेल्प भी ले सकते हैं।
वेबसाइट डिजाइनर की हेल्प ले करके आप वेबसाइट को अच्छी तरह से डिजाइन करा सकते हैं। आपकी वेबसाइट कैसे देखनी चाहिए उसका कलर कैसा होना चाहिए, उसका पेज कैसा होना चाहिए, कैसा लोगों होना चाहिए, क्या चीज आपके पेज पर डिस्प्ले होनी चाहिए।
यह सारी चीज आप वेबसाइट डिजाइनर से बात करके सेट कर सकते हैं। जिस चीज से संबंधित आप अपनी वेबसाइट बना रहे हैं जैसे अगर आप ई-कॉमर्स वेबसाइट बना रहे हैं तो आपके पेज पर सारी चीजें डिस्प्ले होनी चाहिए जिन से संबंधित आपका यह ई-कॉमर्स वेबसाइट है।
जितना अच्छा तरीके से आपका वेबसाइट डिजाइन होगा। उतनी अच्छी तरीके से वह लोगों को आकर्षित करेगा और लोग उस पर विजिट करेंगे। लेकिन दोस्तो अगर आप इतना खर्च नहीं करना चाहते हैं और आपको वेबसाइट बनाने के बारे में कोई जानकारी भी नहीं है तो आप Fynd Platform की मदद ले सकते हैं। जिसकी मदद से आप बहुत ही मामूली शुल्क में बिना कोडिंग और वेबसाइट मेकिंग की जानकारी के अपना शानदार ई-कॉमर्स वेबसाइट तैयार कर सकता है।
6 - Shopping Cart Software -
दोस्तो ये सभी जानकारियां साझा होने के बाद अब बारी शॉपिंग कार्ट सॉफ्टवेयर की आती है। इंटरनेट के माध्यम से आप इस सॉफ्टवेयर को आसानी से खरीद सकते हैं और कोई भी ग्राहक आपके सामान को खरीदता है या उसे आपके सामान को देखता है तो वह शॉपिंग कार्ट पर शो होने लगता है।
यह सॉफ्टवेयर आपके ग्राहक को सामान खरीदने की अनुमति देती है और सामान देखने की अनुमति देती है। इसके साथ ही शॉपिंग में क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने के लिए अनुमति भी शॉपिंग कार्ड सॉफ्टवेयर से ही प्राप्त होती है और इसमें आपकी चीजे सुरक्षित रहें वह किसी और के सामने प्रदर्शित नहीं होने देती।
7 - Merchant Service Provider -
मर्चेंट सर्विस प्रोवाइडर एक ऐसी सर्विस है जिसमें आपके क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की डेटा को सुरक्षित रखा जा सकता है। कोई भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म जिससे ऑनलाइन शॉपिंग की जाती है तो वहां पर क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के डाटा को शेयर करना पड़ता है और उन डाटा को सुरक्षित रखने का काम मर्चेंट सर्विस प्रोवाइडर करता है।
यह सर्विस कस्टमर और कंपनी की बीच की कड़ी है और इसमें जो डाटा होता है उसे सुरक्षित रखने का काम करती है। यह सर्विस कस्टमर की क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कराती है और उनके अकाउंट से पैसे डेबिट कराकर मर्चेंट के अकाउंट में ट्रांसफर करती है।
उसके बाद मर्चेंट अपना कमीशन काटकर में मालिक को अकाउंट में पेमेंट वापस कर देती है। जितने भी ई कॉमर्स वेबसाइट प्लेटफार्म है उन सभी में मर्चेंट सर्विस प्रोवाइडर्स अपना एक बहुत ही अलग और अच्छी भूमिका निभाता है। हालांकि Fynd Platform की मदद से आपको यह सभी सुविधाएं बड़ी ही आसानी से प्रदान की जाती है।
8 - समय -
इन सभी चीजों के बाद आपके पास समय होना बहुत जरूरी है अगर आप खुद वेबसाइट बना रहे हैं या ई-कॉमर्स वेबसाइट डेवलपर कर रहे हैं। तो आपको इसके बारे में पूरी जानकारी और समय होना चाहिए अगर आपके पास समय नहीं है तो आप इसमें एक वेब डिजाइनर या वेबसाइट डेवलपर की हेल्प ले सकते हैं।
इसमें आपका समय बचेगा पर थोड़े पैसे लग सकते हैं क्योंकि जो भी वेबसाइट डेवलपर आपकी वेबसाइट या ई-कॉमर्स साइट को डिजाइन करेगा अब जाहिर है कि वह इसके पैसे चार्ज करेगा। मगर Fynd Platform आपसे नहीं के बराबर शुल्क लेता है और इस तरह की सभी सुविधाएं फ्री में देता है।
तो दो जब आपके पास उपयुक्त सारी चीजें उपलब्ध हो और आपको इसके बारे में पूरी जानकारी हो तो आप अपनी वेबसाइट खुद से डिजाइन कर सकते हैं। नहीं तो आप खुद से भी बिना किसी तामझाम के बड़ी आसानी से अपने ई-कॉमर्स वेबसाइट को खुद ही डिजाइन कर सकते हैं और इन सब में आपकी मदद करेगा सर्वाधिक लोकप्रिय प्लेटफार्म Fynd Platform।
ईकॉमर्स वेबसाइट कैसे बनाएं -
दोस्तों अब हम आपको दो तरह से ई कॉमर्स वेबसाइट बनाने के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। पहले हम एक सामान्य तरीका बताएंगे जो बरसों से चला रहा है और उसके बाद हम बात करेंगे ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाने की सबसे आसान तरीके यानी कि Fynd Platform के बारे में तो आइए जानते हैं कि वेबसाइट कैसे बनाते हैं। -
1- एक डोमेन नाम सेलेक्ट और रजिस्टर करें -
दोस्तों हमेशा डोमेन का नाम ऐसा रखें जो आसान हो और लोगों को उसे याद रखने में भी आसानी हो। क्योंकि कोई भी कठिन नाम या कठिन नाम का उच्चारण आपके कस्टमर को ढूंढने में भी दिक्कत होगी और याद रखने में भी काफी दिक्कत होती है।
इसके साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें की आप जिस फिल्ड से संबंधित अपनी ई कॉमर्स वेबसाइट बनाना चाहते हैं वह नाम आपके ई-कॉमर्स वेबसाइट को सूट करता हो। ऐसा ना हो कि आपका ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म घर की जरूरी चीजों से संबंधित हो और नाम ऐसा हो कि वह किसी लाइब्रेरी को दर्शाता हो।
मतलब तो आप समझ ही गए होंगे कि नाम ऐसा रखो जिससे लोग आसानी से आपके ई कॉमर्स बिज़नेस को समझ सके। यह कुछ कॉमन डोमेन नाम है com, .edu, .org, and .net जो हर तरह के कमर्शियल, शिक्षा के क्षेत्र में संगठन के क्षेत्र में कार्य करता है।
हमेशा कोशिश करें इन फेमस डोमेन नाम को ही सेलेक्ट करें अपनी कमर्शियल या शिक्षा से संबंधित वेबसाइट के लिए या शॉपिंग से संबंधित वेबसाइट के लिए। इसके साथ ही आपको इस चीज का भी ध्यान रखना है कि आप जो डोमेन में नाम सेलेक्ट कर रहे हैं वह अकेला हो कहीं पर पहले इस्तेमाल न किया गया हो।
2 - अपने ही सही वेब होस्टिंग को पहले ढूंढे, चूज करें फिर खरीदें -
दोस्तों जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि वेब होस्टिंग इंटरनेट पर आपके ई कॉमर्स वेबसाइट के लिए जगह निर्धारित करता है और उसे संचालित करने में आपकी सहायता करता है। इसलिए अपने लिए हमेशा उचित वेब होस्टिंग का चुनाव करें और उसके साथ ही bandwidth को भी सुरक्षित करें।
बैंडविथ का मतलब है जो भी डाटा ट्रांफर कर रहे हैं इसमें कितना समय लग रहा है या उस समय में कितना डाटा ट्रांसफर किया जा रहा है उसकी निर्धारित समय सीमा जैसे आपकी वेबसाइट बड़ी होगी वैसे ही आपको बैंडविथ की साइज को बढ़ाना होगा।
अगर हम इसकी साइज या फिर यूं कहे कि इसमें जगह नहीं बनाएंगे तो विजिटर को वेबसाइट देखने में काफी दिक्कत होगी जिससे आपके ऑनलाइन कस्टमर पर इसका प्रभाव खराब पड़ता है।
अगर आप अपनी वेबसाइट के लिए वेब होस्टिंग की तलाश कर रहे है तो बहुत सारे ऐसे सॉफ्टवेयर है बहुत सारे बड़ी बड़ी कंपनियां हैं। जो आपको वेब होस्टिंग देती है तो आप अपनी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म को देखते हुए ही विश्वशनीय कंपनी से इसे खरीदें।
3 - अपनी वेबसाइट फाइल कि एक बैकअप कॉपी तैयार करें -
हम कोई भी काम शुरू करते हैं तो उसका हम बैकअप जरूर तैयार करते हैं। ठीक उसी प्रकार से जब भी वेबसाइट बनाए तो उसका एक बैकअप फाइल जरूर तैयार करें। बैकअप कॉपी होने से आप उसमें आराम से एडिटिंग कर सकते हैं और उसमें आपको किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आएगी। इस फाइल को सिर्फ आप ही देख सकते हैं इसे कोई और नहीं देख सकता। इसकी एक कॉपी वेब होस्ट में होती है और इसे आप हार्ड ड्राइव में सेव कर सकते हैं।
4 - कोशिश करेगी वेबसाइट को आसानी से नेविगेट किया जा सके -
दोस्तों अपनी वेबसाइट को ऐसा बनाएं कि कोई भी विजिटर अगर एक बार आए तो वह एक बार में ही आकर्षित हो जाए। ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म इतना रंगबिरंगा और सुंदर दिखाई देता है कि वह लोगों को कुछ न कुछ खरीदने के लिए अपनी ओर आकर्षित करता है।
कई बार ऐसा होता है की वेबसाइट देखने में अजीब सी लगती है और कोई भी विजिटर मात्र 30 सेकंड में ही आपकी वेबसाइट को भाप लेता है। अगर उसको समझ में नहीं आया तो वह वेबसाइट से बाहर हो जाता है और हो सकता है कि वह दोबारा आपकी वेबसाइट पर विजिट ना करें।
इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी वेबसाइट को स्पेसिफिक सेक्शन में अच्छी तरह से डिस्प्ले करें। उसको इतनी अच्छी तरह से ऑर्गेनाइज करें और जिस भी प्रोडक्ट के लिए आपकी ईकॉमर्स वेबसाइट बनी है वह सबसे पहले ऊपर ही दिखाई दे।
दोस्तो अगर हम आपको आसान शब्दों में समझाए तो नेविगेशन का मतलब है कि एक पेज से आसानी से दूसरे पेज पर जा सके। तो इस तरह से आप अपनी ई कामर्स वेबसाइट के पेज को एक से दूसरे पेज को लिंक करें कि आसानी से वेबसाइट में एक से दूसरे पेज पर जाया जा सके और जो सामान है उसे आराम से देखा जा सके।
5 - अपने कोड को वैलिडेट करें -
HTML, CSS, XHTML, JavaScript, और XML यह सभी एक कोड है जिसे वैलिडेट करने की आवश्यकता पड़ती है। जिससे यह पता चलता है कि आपकी वेबसाइट सही तरीके से फंक्शन कर रही है कि नहीं कर रही है।
ऑनलाइन वेबसाइट में बहुत सारे ऐसे सॉफ्टवेयर है जो इन्हें वैलिडेट कर सकते हैं। इसके साथ ही इंटरनेट पर भी बहुत सारे ऐसे प्रोग्राम उपलब्ध है जिन से इन्हीं वैलिडेट किया जा सकता है।
6 - एक Sitemap का सही तरीके से Implement करे -
दोस्तों साइटमैप किसी भी वेबसाइट का एक ऐसा मैप होता है जो वेबसाइट को सही एड्रेस तक पहुंचाता है। जैसे कोई भी व्यक्ति अगर किसी वेबसाइट को सर्च करता है तो वह साइटमैप के ही माध्यम से उस पेज तक पहुंचता है।
एक साइट मैप एक बड़ा कलेक्शन होता है जो various URLs का जो आपकी वेबसाइट का एड्रेस होता है। जो वेबसाइट को आपके पेज के ब्राउज़र में एसएस करने के लिए पहुंच प्रदान करता है और वेबसाइट की सभी पेज को ढूंढ कर उन्हें डिस्प्ले करता है।
7 - अपने Website को अलग-अलग Web Browsers में Test करें -
दोस्तो चूंकि आपकी ई कामर्स वेबसाइट लगभग बनकर तैयार हो चुका है। अब आपको अपनी वेबसाइट को अलग-अलग वेब ब्राउज़र में सर्च करना होगा कि आपकी वेबसाइट ठीक तरह से फंक्शन कर रही है कि नहीं उसके पेज अच्छे से खुल रहे हैं कि नहीं उसका नेविगेशन कैसा दिख रहा है आराम से स्लाइड हो रहा है कि नहीं पेज डिस्प्ले आकर्षक है या नहीं।
हमेशा आपको अपनी वेबसाइट को चेक करने के लिए Popular Browsers जिसमें की Chrome, Firefox, Internet Explorer, Opera और Safari में देखना चाहिए। हम सभी जानते हैं कि ब्राउज़र का सबसे ज्यादा इस्तेमाल इंटरनेट को ब्राउज़ करने के लिए या एसएस करने के लिए किया जाता है।
इसे हम टेस्ट कर सकते हैं कि हमारी वेबसाइट या हमारी ई-कॉमर्स साइट कैसे फंक्शन कर रही है और उस के फंक्शन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो नहीं है वह आसानी से फंक्शन कर रही है या नहीं कर रही है।
8 - इस बात का ख़ास रखें की आप SEO-Friendly Code का ही इस्तमाल करे -
दोस्तों हमेशा ध्यान रखें कि Meta और ALT Tags का यूज़ करने से अपने आर्टिकल में ये सुनिश्चित करे की की आपकी ई-कॉमर्स वेबसाइट न केवल यूजर सर्च में सबसे ऊपर शो हो सबसे पर रैंक करें और दिखे। बल्कि उसके साथ ही आपके कंटेंट के जो पैरेंट कीवर्ड है वो भी ठीक तरीके से डिस्प्ले करें।
ऐसा करने से आपके आर्टिकल सर्च इंजन में आने के ज्यादा संभावना होते है जिससे आपकी वेबसाइट पर अच्छा खासा ट्रैफिक भी बढ़ जाता है। जोकि आपके ई कॉमर्स वेबसाइट के लिए बहुत अच्छी बात है। इसे आप की वेबसाइट पर विजिटर बढ़ेंगे।
इसी के साथ दोस्तो इस बात का विशेष ध्यान रहे की जो ALT Tags आप देते है उसको पिक्चर के डिस्क्रिप्शन उसके डिटेल्स में लिखा जाता है। जिससे की आपके सर्च बॉट्स को पिक्चर के विषय में पता चल सके और जो की सर्च इंजन को ये जानकारी प्रदान करता है उन्हे यह बताता है की आपके साइट में लगे पिक्चर किस विषय के ऊपर आधारित हैं।
डिस्प्ले होने वाली पिक्चर आपकी साइट के बारे में बहुत कुछ बोलती है तो अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट को इस तरह से डिजाइन करें और उस पर पिक्चर इस तरह से सेट करें कि वह आपकी वेबसाइट को पूरी तरह से बयां करती हो उसे और उसके कंटेंट को दिखाती हो।
9 - Website Analytics Install करें -
दोस्तों इसी के साथ अपनी वेबसाइट की गणित के बारे में भी जानकारी जरूर रखें। इसकी जानकारी रखने के लिए आप वेबसाइट एनालिटिक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके जरिए आप लोगों के व्यवहार को समझ पाएंगे और जब लोग आपकी वेबसाइट पर विजिट करेंगे तो उनको आप देख पाएंगे।
इसके साथ ही इप्रिंट और क्लिक के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। उसी हिसाब से आप अपने ई कॉमर्स वेबसाइट मे बदलाव कर सकते हैं। अपनी वेबसाइट को बहुत अधिक इफेक्टिवेनेस बना सकते हैं ताकि वह जब भी विजिटर आए तो उन पर आपकी वेबसाइट बहुत अच्छा इफेक्ट डालें। कुछ फेरबदल करके अपनी वेबसाइट को और अच्छा बना सकते हैं। जिससे विजिटर जैसा चाहे उस हिसाब से आप उसे डिजाइन कर सकते हैं।
10 - आपकी Website की Files को आपके Web Host में Transfer करें -
दोस्तों इसका ध्यान रहे कि जब भी आप ई-कॉमर्स वेबसाइट डिजाइन कर रहे हैं तो उसकी जो कॉपी आपके कंप्यूटर में होती है। जिसको हम लोकल वर्जन कहते हैं और जो कॉपी वेब होस्टिंग में होती है उसे हम प्रोडक्शन वर्जन कहते हैं। इतना करने के बाद आपकी वेबसाइट को लांच करने की प्रक्रिया कंप्लीट होती है तो इसी के साथ दोस्तो आपकी वेबसाइट तैयार है।
Fynd Platform -
चलिए दोस्तों अब हम आपको उस प्लेटफार्म के बारे में बताते हैं जिसके लिए आपको कोडिंग सीखने और ढेर सारा पैसा इन्वेस्टमेंट करने के लिए बिल्कुल भी जरूरत नहीं होती है। अब बड़ी आसानी से बहुत ही कम पैसे में खुद ही अपना ई-कॉमर्स वेबसाइट बना सकते हैं। जी हां दोस्त आपने बिल्कुल सही समझा हम बात कर रहे हैं Fynd Platform के बारे में कुछ नहीं जानते हैं कि आखिर Fynd Platform है क्या।
Fynd Platform क्या है?
दोस्तों यह एक ऐसा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म है जिस पर बहुत सारे ब्रांड का और व्यवसायियों का भरोसा है। अपना खुद का ऑनलाइन वर्क शुरू करने वाले को यह बहुत अच्छा मौका देता है। आप यहां पर बहुत ही कम इन्वेस्टमेंट में बहुत ही आराम से अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
यहां पर आप अपनी खुद की वेबसाइट बना सकते हैं और बहुत ही आराम से अपने बिजनेस को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही इस लिंक को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जोड़कर भी आप काम कर सकते हैं।
दोस्तो यह प्लेटफॉर्म हर उस व्यक्ति के लिए है जो ऑनलाइन व्यवसाय के रूप में अपना नया कारोबार शुरू करना चाहता है और Fynd Platform किसी भी उम्र अनुभव वह पढ़ाई का मोहताज नहीं है। किसी भी आयु वर्ग व शिक्षा के लोग इससे जुड़ सकते हैं और अपने व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।
दोस्तों Fynd Platform आपके अपने व्यवसाय को भी बढ़ावा देने को अनुमति देता है। इसके साथ ही अन्य बड़े बड़े ब्रांड के ब्रांडेड सामान भी आप फाइंड प्लेटफार्म से जुड़कर सेल कर सकते हैं।
आजकल हर कोई चाहता है कि अपने अनुसार काम को करें अपने समय के अनुसार अपने काम को करें किसी के पास दुकान पर बैठने का समय नहीं है तो किसी के पास अपना पूरे दिन का और काम को छोड़कर इस काम को करने का समय नहीं है।
ऐसे में Fynd Platform आपको एक सुनहरा अवसर देता है स्मार्टफोन से दिन की कुछ घंटे निकाल कर इस काम को आप कर सकते हैं। दोस्तों इस प्लेटफार्म की सबसे अच्छी बात यह है कि आपको बहुत कम पैसे में बहुत ही ढेर सारे फीचर्स के साथ इसमें बहुत सी सुविधाएं मिलती है।
Fynd Platform की मुख्य 12 विशेषताएं -
1- ब्रांड वेबसाइट और मोबाइल ऐप बनाएं -
दोस्तों Fynd Platform से जोड़कर आप ब्रांडेड वेबसाइट और मोबाइल ऐप बना सकते हैं। चाहे आपको वेबसाइट बनाने आता हो या नहीं इसमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती है। सारी पिक्चर्स स्टेप बाय स्टेप इसमें दिए हुए हैं जिसमें आसानी से आप मोबाइल ऐप फाइंड से जुड़ा हुआ या खुद की वेबसाइट भी बना सकते हैं।
इसके अलावा अगर आप चाहें तो Fynd Platform से ही जुड़ कर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं। इसे करना बहुत ही आसान है। इस पर आप पूरी तरह से फीचर युक्त वेबसाइट बना सकते हैं।
2 - एक से अधिक भाषा -
Fynd Platform एक से अधिक भाषाओं में पाया जाता है। जो Fynd Platform की सबसे बड़ी खासियत है जो कि इसका भारतीय भाषाओं से जुड़ा हुआ एक विशेष फीचर है। इससे आपको और आपके कस्टमर को भाषा से संबंधित किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती है।
आप जिस भाषा में चाहे इस ऐप के माध्यम से आप उसी भाषा में इससे जुड़ सकते हैं। यह अधिकतर भारतीय भाषाओं का समर्थन करती है। इसके साथ ही फॉरेन लैंग्वेज में भी उपलब्ध है।
3 - ब्लॉक फोरम और चैट -
इसके जरिए अपना खुद का ब्लॉग बना सकते हैं। कल के साथ ही अपनी खुद की कम्युनिटी भी बना सकते हैं। जिसमें आप जैसे चाहे उन लोगों को लाइक कर सकते हैं उन लोगों को फॉलो कर सकते हैं। जो भी आपको फॉलो और लाइक करेंगे जिससे आपके समुदाय के लोग आप से जुड़ेंगे आप उनसे चैट कर सकते हैं।
आप जिस व्यवसाय से जुड़कर व्यवसाय कर रहे हैं उससे जुड़े हुए व्यवसाईं से भी बात कर सकते हैं और उसे सलाह कर सकते हैं। यह प्लेटफार्म आपको अपना ब्लॉग बनाने खुद का फोरम निर्धारित करने और साथ में अपने समुदाय से चैट करने की पूरी अनुमति प्रदान करता है। उसमें किसी भी प्रकार का कोई बॉउंडेशन नहीं है।
4 - API दस्तावेजीकरण -
Fynd Platform में API दस्तावेजीकरण जिससे आप अपनी खुद की वेबसाइट अलग करके फेसबुक से काम कर सकते हैं। इसे किसी प्रकार का फ्रॉड या जालसाजी नहीं होती है। Fynd Platform से जुड़े हुए या फिर यूं कहे की इसके माध्यम से बने हुए सभी प्लेटफार्म आपको API ही मिलेंगे। जिससे आप अपना खुद का ई कॉमर्स वेबसाइट के तौर पर जोड़कर शुरू कर सकते हैं।
5 - प्रशिक्षण सामग्री -
दोस्तो अगर आप किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ते हैं तो उससे जुड़े हुए सभी चीजें सभी जानकारिया प्राप्त करने में आपको थोड़ी बहुत दिक्कते होती है। मगर इस मामले में Fynd Platform बिल्कुल उससे विपरीत है और जैसे ही आप इस Fynd Platform से जुड़ेंगे वैसे ही Fynd Platform में जो भी चीजें आपको नहीं समझ में आ रही है।
उदाहरण के तौर पर की इसमें कैसे जाना है, इस ऐप को कैसे समझना है, इसमें अपनी ई कॉमर्स वेबसाइट कैसे बनानी है और कैसे सेलिंग करना है और कैसे प्रॉफिट पाना है। यह सारी चीजें इसमें जो भी आप को नहीं समझ में आ रहा है उससे जुड़ी हुई वीडियो इसके हेल्प कॉलम में मिलेगी।
वो भी बिल्कुल आसान भाषा आसान से स्टेप ट्यूटोरियल के साथ जिससे आप आराम से उसे देखकर समझ जाएंगे कि आपको किस तरह से इससे जुड़कर अपना काम करना है। यह पूरी तरह से एक प्रशिक्षण सामग्री आपको प्रदान करता है जो आप इससे जुड़कर सीख पाएंगे और समझ पाएंगे।
6 - डेवलपमेंट किट -
प्रशिक्षण सामग्री की मदद से जब आप इससे अच्छे से सीख जाएंगे तो आप का विकास कैसे हो, कैसे आप आगे बढ़ेंगे, कैसे आप अपनी वेबसाइट को और अच्छा बना सकते हैं और उसको किस तरह से डिजाइन कर सकते हैं और उसमें आपको क्या नई चीजें ऐड करनी चाहिए। किस तरह से नए व्यवसाय या व्यापारी से आप डील कर पाए यह सारी चीजें आपको विकास हेल्पलाइन या विकास किट के अंतर्गत समझाई जाएंगी।
7- पेमेंट गेटवे -
दोस्तो जाहिर है अगर आप अपने ई कॉमर्स वेबसाइट या फिर यूं कहे की अपने बिजनेस प्लेटफार्म को ऑनलाइन सेटअप कर रहे हैं तो आपको पेमेंट गेटवे की भी सुविधा लेनी पड़ती है और तभी आप अपने कस्टमर को हैसल फ्री पेमेंट करने की सुविधा प्रदान कर पाएंगे।
हालांकि आपको ऑफलाइन पेमेंट मोड लेना है या फिर ऑनलाइन यह आपको तय करना है। मगर आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि Fynd Platform में आपको अपनी वेबसाइट के लिए हर तरह की पेमेंट सुविधा अथवा पेमेंट गेटवे मिलता है।
ताकि आपको अपने वेबसाइट के लिए अलग से पेमेंट गेटवे लेने का झंझट ना उठाना पड़े और आपका पूरा ध्यान अपने बिजनेस के विकास में केंद्रित हो सके।
8 - ट्रैकिंग प्रणाली एनालिसिस -
दोस्तो जिस तरह से हर अलग अलग ऐप में ट्रेकिंग की सुविधा आपको उपलब्ध होती है। ठीक उसी प्रकार से Fynd Platform से जुड़ कर के भी जब आप अपना बिजनेस शुरू करते हैं और कोई भी कस्टमर हो चाहे आप खुद कोई आर्डर करते हैं तो आप उसको ट्रैकिंग भेज सकते हैं।
प्रोडक्ट शिप से डिलेवर्ड होने पर ये ट्रेकिंग पूरी तरह से हेल्प करती है और इसमें प्रोडक्ट कहां पर है और उसे कहां पर पहुंचना है। इन सबकी जानकारी मौजूद होती है।
9 - वेबसाइट डिजाइनिंग -
Fynd Platform से जुड़ने के बाद जब आप अपनी वेबसाइट बना लेते हैं तो आपको अपनी वेबसाइट कैसे डिजाइन करनी है? वेबसाइट को किस तरह से डिजाइन करेंगे वह कस्टमर को आकर्षित लगे। Fynd Platform के माध्यम से जुड़कर ई कॉमर्स वेबसाइट बनाने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि आपको कोडिंग वगैरह सीखने के बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ती है।
आप इसके द्वारा प्रदान किए गए ट्यूटोरियल्स को फॉलो करके उन्हें देखकर उन को समझते हुए अपनी वेबसाइट को बना सकते हैं उसे डिजाइन भी कर सकते हैं। आपको बस निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा और सबसे पहले आपको अपने पेज का कलर अच्छा सा सिलेक्ट करना है जिससे वह देखने में भी सुंदर लगे और जिस चीज के लिए आप ही बिजनेस शुरू कर रहे हैं उससे भी बयां करें।
होम पेज पर जो आइकन जहां होना चाहिए उन आइकंस की सेटिंग भी अच्छे से होनी चाहिए। जिससे कस्टमर को उसे खोजना ना पड़े सामने ही दिखे ताकि वह कोई भी कार्ट में सामान डालना हो तो कार्ट सामने हो। अगर वह किसी कैटेगरी में जाना चाहता हो तो उसके कैटेगरी सामने होनी चाहिए। जिससे उन्हें आपके वेबसाइट से खरीददारी करने में हर तरह की सुविधाएं प्राप्त हो और वो अपने शॉपिंग को एंजॉय कर सके।
10 - स्टाफ प्रबंधन प्रणाली के साथ स्टोर सेटअप -
दोस्तो Fynd Platform से जुड़ने के बाद फ्री वेबसाइट बनाने के बाद आपको अपना लोगो और बैनर बनाना होगा। टेंशन की कोई भी बात नहीं दोस्तों क्योंकि उसे बनाने में भी यह प्लेटफार्म आपकी पुरी पुरी मदद करेगा।
यहां पर हर तरह से आपको सुविधा है कि आप अपनी वेबसाइट को पूरी तरह से अपने लिए ही बनाएं। लोगों को इनवाइट करना उन्हें अपनी सूची में शामिल करना यह सब कुछ आप आसानी से कर पाएंगे। अपनी स्टोर को कैटेगरी में डिवाइड करना और बाकी सारे कटेगरी को शो करना यह सब कुछ आप आराम से कर पाएंगे।
इसलिए वर्तमान समय में ये सबकी पहली पसंद बन चुका है। क्योंकि इससे हर तबके के लोग न सिर्फ जुड़ रहे हैं। बल्कि वेबसाइट बनाकर दूर-दूर तक अपने बिजनेस की पहुंच को बढ़ा रहे हैं।
11- स्टॉफ मैनेजमेंट -
दोस्तो Fynd Platform आपको न सिर्फ अपने वेबसाइट और अपने एप्लिकेशन को बनाने का बल्कि इसके साथ ही अपने स्टॉफ को मैनैज करने की भी सुविधा प्रदान करता है।
इसके इस्तेमाल से आप वर्कर का एक्सेस स्तर सेट कर सकते हैं और पंजीकरण और लॉगिन विकल्पों को सेट करें और दोस्तों आप अपने एप्लीकेशन का इस्तेमाल करके यह सब कुछ बहुत ही आसानी से कर सकते हैं। किसी भी वर्कर का एक्सेस रेट आपके एप्लीकेशन को और अधिक बढ़ा देता है।